क्या रिटेल निवेशकों को झटका देगा 2023? क्या हो "निवेश मंत्र"? MOFSL के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल का Market Outlook
Market Outlook 2023: महंगाई, युद्ध, कोरोना इस साल कितना बड़ा फैक्टर रहेंगे, क्या ट्रिगर रहेंगे, रिटेल निवेशकों के लिए यह साल कैसा साबित होगा? इसपर Zee Business के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ लिमिटेड के चेयरमैन और को-फाउंडर रामदेव अग्रवाल से बात की.
Market Outlook 2023: नया साल शुरू हो गया है और सबके सामने सवाल है कि इस साल बाजार का रुख कैसा रह सकता है. महंगाई, युद्ध, कोरोना इस साल कितना बड़ा फैक्टर रहेंगे, क्या ट्रिगर रहेंगे, रिटेल निवेशकों के लिए यह साल कैसा साबित होगा? इसपर अनुमान समझने के लिए Zee Business के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ लिमिटेड के चेयरमैन और को-फाउंडर रामदेव अग्रवाल से बात की. उन्होंने कहा कि 2022 में भले ही भारत में ग्लोबल बाजारों के मुकाबले उतनी गिरावट नहीं आई हो, लेकिन रिटर्न जरूर कम आए हैं.
अब अगर 2023 की बात करें तो उन्होंने कहा कि नए साल में ग्लोबल मार्केट फ्लैट रह सकता है. अगर यूएस में अभी और करेक्शन बाकी है, तो बाकी जगहों पर भी वैसा ट्रेंड दिखेगा. इस साल मार्केट में ग्लोबल कंसॉलिडेशन देखने को मिल सकता है. आज के माहौल के हिसाब से बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है, लेकिन अगर कोई बड़ा ट्रिगर होता है तो हो सकता है कि सुधार दिखे.
2023 में हमारे इकोनॉमी के लिए कितनी चुनौतियां? डटे रहेंगे रिटेल इन्वेस्टर्स?
रामदेव अग्रवाल ने कहा कि भारतीय उपभोग बड़ा फैक्टर रहेगा. डिमांड और सप्लाई में बैलेंस न होना, परचेजिंग पावर कम होने पर कंजम्पशन बेस को बढ़ाने पर क्या कदम उठाया जा सकता है, वो अहम रहेगा क्योंकि मजबूत इकोनॉमी के लिेए कंजम्पशन बढ़ाने की जरूरत है. रिटेल निवेशकों पर उन्होंने कहा कि अभी तक को कोई पैनिक कॉल नहीं दिख रहा है. लेकिन ये है कि पिछले साल का रिटर्न उतना अच्छा नहीं बना, ये भी है कि फिक्स्ड डिपॉजिट मार्केट ज्यादा बेटर दिख रहा है. उसके चलते हो सकता है कि लोग फिक्स्ड इनकम की ओर थोड़ा शिफ्ट करें. रिटेल प्लस में रहेगा, हो सकता है कि जितना रहा है, उससे कम हो, लेकिन जाएगा नहीं.
📢#MarketOutlook 2023
— Zee Business (@ZeeBusiness) January 3, 2023
नए साल 2023 में कैसी रहेगी #StockMarket की चाल?
कहां मिलेंगे #Investment के मौके?💰
जानिए मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) के चेयरमैन & को-फाउंडर रामदेव अग्रवाल से
📺देखिए EXCLUSIVE इंटरव्यू @AnilSinghvi_ के साथ@Raamdeo https://t.co/fasOGGN6Xz
सिर्फ इन्वेस्टेड रहने से भी बनेगा पैसा?
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उन्होंने कहा कि यह गेम है कि आपको इन्वेस्टेड बने रहना है. टाइम करेंगे, सट्टा करेंगे तो पीछे रह जाएंगे, बाजार में कुछ भी हो सकता है. अगर FIIs अचानक इमर्जिंग मार्केट में खरीदारी करने लगें तो भारत सबसे बड़ा विकल्प होगा और इससे काफी पैसा आएगा.
20-30 साल की उम्र वाले नए निवेशकों के लिए क्या है रिस्क?
रामदेव अग्रवाल ने युवा निवेशकों को को सलाह दी कि वो बाजार में सतर्कता के साथ निवेश करें. उन्होंने कहा कि ये बाजार है पैसा बनाने का. अगर आप पैसा बना रहे हो, तो ठीक है. लेकिन आप ये देखो कि आप अगर एक्चुअल में पैसे कमा रहे हो तो ठीक है, लेकिन पैसे गंवाओ मत. स्पेकुलेशन करके बाजार में रहना है तो ये समझ लीजिए कि अगर आपको पैसा कमाना नहीं आता तो नहीं आता. ज्यादातर लोग स्पेकुलेशन में पैसे गंवाते हैं. बाजार में लंबे वक्त तक बने रहने से ही पैसा बनेगा.
किन शेयरों में बनेगा पैसा?
अग्रवाल ने कहा कि जो बिजनेसेज़ अच्छा करने वाले हैं और जो अच्छे बिजनेसमेन हैं, वही आगे भी कमाएंगे. विनर्स के साथ रहो. अच्छे वैल्युएशंस वाली कंपनियों ही बड़ा पैसा बनेगा. मैनेजमेंट और वैल्युएशन देखकर सेक्टर और कंपनी चुनें. बैंक, इंश्योरेंस रीजनेबली प्राइस्ड सेगमेंट है. असेट मैनेजमेंट कंपनी हैं, ब्रोकरेज कंपनियां हैं, जो काफी सस्ती मिलती हैं. उन्होंने कहा कि जो माहौल बदला है, जो रिटेल पार्टिसिपेंसी बढ़ी है, उससे ये बड़ा मैदान बढ़ता जा रहा है.
IT में क्या हो रहा है?, कब बनेगा पैसा?
उन्होंने कहा कि आईटी सेगमेंट थोड़ा निराशाजनक रहा है. बिजनेस अच्छा रहा है, इसमें कोई दोराय नहीं है. रिजल्ट भी पॉजिटिव आ सकता है. लेकिन अभी माहौल है कि लोग टीएस इन्फोसिस बेचकर पीएसयू बैंक खरीद रहे हैं. लेकिन धीरे-धीरे इसमें सुधार आएगा. लोग धीरे-धीरे थक जाएंगे और फिर इधर ही आएंगे. अच्छी बात है कि ऐसी बहुत सी कंपनियां है जहां ग्रोथ के मौके हैं और रीजनेबली प्राइस्ड हैं.
GOLD और Real Estate के लिए क्या है आउटलुक?
रियल एस्टेट में बहुत स्कोप है, सबसे बड़ा सेक्टर है. लेकिन 50 हजार-लाख करोड़ सेल्स की कंपनियां क्यों नहीं बन पा रही हैं? कंपनियों को स्केल अप करने की जरूरत है. गोल्ड में ब्याज नहीं है, प्रोडक्शन नहीं है. इंफ्लेशन के हिसाब से ठीक है लेकिन उससे ठीक है रियल एस्टेट.
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